याद : जिगर मुरादाबादी
आई जब उनकी याद तो आती चली गई हर नक़्शे मासिवा को मिटाती चली गई हर मन्ज़रे जमाल दिखाती चली गई जैसे उन्हीं को सामने लाती चली गई हर वाक़या क़रीबतर आता चला गया हर शै हसीन तर नज़र आती चली गई वीराना ए हयात के एक...
View Articleरुबाईयाँ : फ़िराक़ गोरखपुरी
लहरों में खिला कंवल नहाए जैसे , दोशीज़: ए सुबह गुनगुनाए जैसे , ये रूप, ये लोच, ये तरन्नुम, ये निखार
View Articleचाँद तारों का बन : मख़दूम
मोम की तरहा जलते रहे हम शहीदों के तन रातभर झिलमिलाती रही शम्मे सुबहे वतन रातभर जगमगाता रहा चाँद तारों का बन तशनगी थी मगर तशनगी में भी शरशार थे प्यासी आँखों के ख़ाली कटोरे लिए मुनतज़िर मर्द ओ ज़न
View Articleसारे जहाँ से अच्छा : इक़बाल
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा हम बुलबुलें हैं इसकी ये गुलसिताँ हमारा पर्वत वो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ का वो संतरी हमारा, वो पासबाँ हमारा गोदी में खेलती हैं, इसकी हज़ारों नदियाँ गुलशन है जिनके दम...
View Articleपरिन्दे की फ़रयाद : इक़बाल
अगर कजरौ हैं अंजुम आसमाँ तेरा है या मेरा मुझे फ़िक्रे जहाँ क्यूँ हो जहाँ तेरा है या मेरा अगर हंगामा ए शौक़ से है लामकाँ ख़ाली ख़ता किसकी है यारब लामकाँ तेरा है या मेरा
View Articleकबूतर (भाग 2) : कौसर सिद्दीक़ी
कबूतर तुम बहुत भोले हो तुमने एहदे नौ में भी झपटना, वार करना दुश्मनों को ज़ेर करना क्यूँ नहीं सीखा ये माना शांति के तुम पुजारी हो नबी के तुम मुहाफ़िज़ हो तुम्हारे अम्न के इस ज़ौक़ की
View Articleकबूतर (भाग-1) : कौसर सिद्दीक़ी
कबूतर तुम बहुत भोले हो एहदे नौ में भी जीना नहीं सीखा अभी तक बेवक़ूफ़ों की तरह रोज़न में राख के चार तिनके मस्त रहते हो तुम्हारे अंडों बच्चों पर झपटती रहती हैं चीलें मगर अपनी हिफ़ाज़त करना सीखा ही नहीं तुमने
View Articleनज्म : मज़ाहिया और तंज़िया क़तआत
नाम पूछा जो एक शायर से हंस के बोले कि बूअली पुख है मैंने पूछा कि पुख से क्या मतलब मुस्कुरा कर कहा तसल्लुख है
View Articleनज़्म : शायर अख्तर शीरानी
'आह! वो रातें, वो रातें याद आती हैं मुझे' आह, ओ सलमा! वो रातें याद आती हैं मुझे
View Articleग़ज़ल इन इंग्लिश
दि नेशन टाक्स इन उर्दू, दि पीपुल फ़ाइट इन उर्दू डियर रीडर देट इज़ व्हाइ, आइ राइट इन उर्दू
View Articleनज़्म : शायर-ए-आज़म, दिलावर फ़िगार
कल इक अदीब-ओ-शायर-ओ-नाक़िद मिले हमें, कहने लगे कि आओ ज़रा बहस ही करें
View Articleनरेश कुमार शाद के क़तआत
दोस्ती के भरम ने मार दिया, दुश्मनों से तो बच गए लेकिन दोस्तों के 'करम' ने मार दिया...
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